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आखिर क्यों बिहार की ग्रेजुएट चायवाली को बंद करनी पड़ रही है अपनी दुकान?

 

आखिर क्यों बिहार की ग्रेजुएट चायवाली को बंद करनी पड़ रही है अपनी दुकान?
         Image source-google 
कड़ी मेहनत और प्रतियोगी दौर में हर कोई चाहता है कि उसके पास एक स्थिर नौकरी हो। लेकिन बिहार की इस चायवाली ने आदर्श से अलग होकर अपनी एक अलग पहचान बनाई है। बिहार से अर्थशास्त्र में ग्रेजुएट प्रियंका गुप्ता ने हाल ही में नौकरी नहीं मिलने के बाद पटना महिला कॉलेज के पास एक चाय की दुकान खोल ली। आज सोशल मीडिया पर 24 वर्षीय प्रिंयका गुप्ता ''बिहार की ग्रेजुएट चायवाली'' के नाम से मशहूर हैं। पटना महिला कॉलेज के पास एक चाय की दुकान खोलने के बाद उनकी तस्वीर वायरल हो गई और देखते ही देखते कई मीडिया रिपोर्ट इनके ऊपर चलाई गईं। अब लेटेस्ट रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि बिहार की ग्रेजुएट चायवाली अपना टी-स्टॉल जल्द ही बंद करने वाली हैं।

 

बिहार की ग्रेजुएट चायवाली बंद करने वाली हैं अपना दुकान

डीएनए रिपोर्ट के मुताबिक प्रिंयका गुप्ता टी-स्टाल को बंद कर कुछ और बड़ा खोलने की योजना बना रही हैं। प्रिंयका गुप्ता टी-स्टाल को बंद कर अब एक फूड ट्रक खोलने की तैयारी में हैं। हालांकि वो चाय बेचना नहीं छोड़ने वाली हैं। फूड ट्रक में वह बाकी फूड आउटम के साथ चाय भी सर्व करेंगी।

 

फूड ट्रक खोलने के लिए ग्रेजुएट चायवाली को कहां से मिला ऑफर

रिपोर्ट के मुताबिक बिहार की ग्रेजुएट चायवाली के नाम से सोशल मीडिया पर मशहूर होने के बाद किसी ने प्रियंका गुप्ता को फूड ट्रक खोलने की पेशकश की गई। हालांकि प्रियंका गुप्ता ने शुरुआत में इस ऑफर को ठुकरा दिया था लेकिन बाद में वह मान गईं। लेकिन इस शर्त पर कि वह धीरे-धीरे ट्रक के लिए पैसे का भुगतान करेगी।

 

अगले कुछ दिनों शुरू हो जाएगा फूड ट्रक का बिजनेस

अपने फूड ट्रक खोलने की योजना पर बात करते हुए प्रियंका गुप्ता ने कहा कि वह फूड ट्रक पर भी एक पेशेवर चाय बनाने के काम को जारी रखेंगी। अब तक प्रियंका गुप्ता चाय की दुकान का सारा काम अकेले ही संभालती थी, लेकिन फूड ट्रक में, वह अन्य लोगों को भी काम पर रखने की योजना बना रही हैं। उसने कहा कि ट्रक अगले तीन से चार दिनों में आ जाएगा। फूड ट्रक में चाय के साथ कुछ अलग स्नैक्स भी बेचे जाएंगे।

इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अर्थशास्त्र स्नातक प्रियंका गुप्ता बैंक प्रतियोगी परीक्षाओं को पास करने की कोशिश कर रही थीं, वो बैंक में नौकरी करना चाहती थीं। लेकिन दो साल की कड़ी मेहनत के बावजूद वह इन परीक्षाओं में पास करने में असफल रहीं। फिर उसने कॉलेज के बाहर 'चायवाली' नाम से एक चाय की दुकान शुरू की। अपने स्टॉल में, वह चाय की चार नवीन शैलियों परोसती है, जिसमें पान चाय और चॉकलेट चाय, कुल्हड़ चाय और मसाला चाय शामिल हैं।

 

चाय की दुकान का साइन बोर्ड पर लिखा है- 'आत्मनिर्भर भारत की दिशा में पहल...'

चाय की दुकान का साइन बोर्ड कहता है, 'आत्मनिर्भर भारत की दिशा में पहल..., सोच मत,बस चालू कर दे।' हाल के दिनों में ऐसे कई लोगों ने, जिन्होंने विभिन्न विषयों में स्नातक किया है, ने असफल होने के बाद चाय-दुकानें या अन्य स्टार्टअप खोले हैं। दी गई जानकारी अच्छी लगी तो तुरंत शेयर करें।

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